देश-विदेशों से कुल्लू-मनाली आने वाले हजारों पर्यटकों के लिए यह अच्छी खबर है कि अब वे बर्फीली चादर ओढे़ विश्व प्रसिद्ध रोहतांग दर्रे का दीदार कर सकेंगे। कुल्लू के उपायुक्त यूनुस ने रोहतांग दर्रे को पर्यटकों को खोलने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। अब एक जून से पर्यटक वाहन रोहतांग तक जा सकेंगे।
यूनुस ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण एनजीटी के नियमों की पालना करते हुए रोहतांग दर्रे के लिए प्रतिदिन 1300 वाहनों को ही अनुमति प्रदान की जा सकती है। इसके लिए उन्हें आॅन लाईन परमिट प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने रोहतांग जाने के इच्छुक पर्यटकों व अन्य लोगों से आॅन-लाईन परमिट प्राप्त करने को कहा है ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
गौरतलब है कि रोहतांग दर्रा भारी बर्फबारी के चलते गत दिसम्बर माह में यातायात के लिए बंद हो गया था। इसे हाल ही में 19 मई को बहाल किया गया और अब पहली जून से इसे पर्यटकों के लिए भी खोल दिया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में पर्यटन सीजन चरम पर है। बर्फ के रोमांच का आनन्द लेने के लिए हर रोज देश के सभी भागों से तथा विदेशों से हजारों की संख्या में सैलानी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों, सैलानियों, टैक्सी यूनियनों, होटल यूनियनों से हर रोज रोहतांग पर वाहनों की आवाजाही की अनुमति के लिए आग्रह पर रोहतांग दर्रें तथा सड़क के दोनों ओर बर्फ की मोटी परत को हटवाकर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए सीमा सड़क संगठन ने युद्ध स्तर पर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि रोहतांग बहाल होने के बाद बड़ी संख्या में वाहनों के लिए पार्किग की उपयुक्त व्यवस्था बनाना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि सड़क के दोनों ओर पर्याप्त जगह नहीं है।
यूनुस ने बताया कि ब्यास नाला व मढ़ी तक यातायात पहले ही बहाल कर दिया गया था। इससे लाखों सैलानी ब्यास नाला के आस-पास अनेक साहसिक गतिविधियां कर अपनी यात्रा को सफल मान रहे हैं। ब्यास नाला पर बहुत बड़े क्षेत्र में अभी भी बर्फ की मोटी चादर मौजूद है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां मौसम भी बहुत सुहावना है और सैलानियों के लिए हर लिहाज से अनुकूल है।
उपायुक्त ने सैलानियों व स्थानीय लोगों से यह भी अपील की है कि वे रोहतांग तथा इसके आस-पास कहीं पर भी कचरा न फैलाएं। इस संबंध में सभी होटलियरों व टैक्सी मालिकों को पहले ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि टैक्सी चालकों को बैग निःशुल्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और यह चालक की ड्यूटी है कि वह प्लास्टिक रैपर अथवा किसी भी प्रकार का कचरा पर्यटकों से प्राप्त करके वाहन में रखे अपने बैग में डाले और बाद में निर्देशानुसार इसका निष्पादन करे। कचरा फैलाने पर प्रशासन सख्ती से निपटेगा और इसमें किसी प्रकार की ढील नहीं दी जा सकती।
यातायात सुचारू रखने के लिए बनाई समय-सारिणी
यूूनुस ने कहा कि रोहतांग के लिए कुल्लू-मनाली तथा लाहौल घाटी की ओर से बड़ी संख्या में वाहनों को देखते हुए पुलिस ने यातायात को सुचारू बनाने के लिए व्यापक व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि लाहौल की ओर जाने वाले भारी वाहन मनाली व गुलाबा बैरियर से तड़के 4 बजे से पहले ही रवाना कर दिए जाएंगे। जबकि, लाहौल-पांगीवासियों के छोटे वाहन, आवश्यक सामग्री ले जाने वाली पिकअप गाड़ियां और सरकारी वाहन 5 से5ः30 बजे तक भेजे जाएंगे। रोहतांग से आगे के परमिट वाले पर्यटक वाहन 5ः30 से 7ः30 बजे तक छोड़े जाएंगे। रोहतांग तक जाने वाले पर्यटक वाहन 7ः45 से 10 बजे तक रवाना किए जाएंगे। इसके बाद 11 बजे तक लाहौल-पांगी के वाहन भेजे जाएंगे।
लाहौल से मनाली की ओर आने वाले वाहनों के लिए भी समय निर्धारित किया गया है। सुबह 9 बजे कोकसर चैकी से केवल छोटे वाहन रवाना किए जाएंगे। 11 बजे सभी तरह के वाहन कोकसर चैकी से छोड़े जाएंगे। इसी चैकी से पर्यटक वाहन 2 बजे से अपनी वापसी यात्रा शुरू करेंगे। यहीं से 3 से सायं 5 पांच बजे तक भारी वाहन छोड़े जाएंगे। उपायुक्त ने बताया कि रोहतांग चैकी से भी वाहनों की वापसी का समय निर्धारित किया गया है।10ः30 से 11 बजे तक का समय लाहौल की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए रखा गया है। 11ः30 से 12ः30 बजे तक पर्यटक वाहन रोहतांग से वापसी करेंगे। लाहौल से आने वाले वाहनों को 12ः30 से एक बजे तक रोहतांग पार करवाया जाएगा। इसके बाद 2 बजे तक पर्यटक वाहन रोहतांग से लौटेंगे। 3 से सायं 5 बजे तक लाहौल से आने वाले सभी तरह के वाहनों के लिए निर्धारित किया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि गुलाबा बैरियर पर इस समय-सारिणी, वाहनों की रवानगी और यातायात व्यवस्था की निरंतर निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि रोहतांग पर अलग-अलग समय अवधि के लिए एकतरफा यातायात की व्यवस्था की गई है ताकि स्थानीय लोगों व सैलानियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसमें पर्यटकों के अलावा लाहौल-पांगीवासियों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। सरकारी वाहन, एम्बुलेन्स, पांगी-लाहौल के निजी वाहन निर्धारित समय अवधि के अलावा भी स्वतंत्र रूप से रोहतांग पर आवाजाही कर सकेंगे। यूनुस ने टैक्सी यूनियनों व वाहन मालिकों से अपील की है कि वे रोहतांग पर यातायात सुचारू बनाने में प्रशासन का सहयोग करे।
उपायुक्त ने थपथपाई सीमा सड़क संगठन की पीठ
उपायुक्त ने कठिन परिस्थितियों के चलते रोहतांग दर्रे को खोलने तथा उपयुक्त पार्किंग स्थल विकसित करने के लिए सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों व कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रा न केवल पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण स्थल है, बल्कि जिला लाहौल-स्पिति, चंबा का पांगी तथा लेह क्षेत्र के लोगों का इससे भावनात्मक रिश्ता भी है। सदियों से लोग अक्तूबर-नवम्बर माह के बाद रोहतांग पर बर्फबारी होने के बाद इसके बंद हो जाने से आशंकित रहते हैं, वहीं मार्च-अप्रैल माह से इसे बहाल करने के लिए सीमा सड़क संगठन तथा प्रशासन पर आस लगाए रहते हैं।
यूनुस ने कहा कि सीमा सड़क संगठन ने इस वर्ष रोहतांग खोलने के लिए जो विशेष प्रयास किए हैं, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। अभी तक रोहतांग पर बर्फबारी होती रही जिसके चलते बहाली का कार्य बार-बार अवरूद्ध भी हुआ। वह स्वयं लगातार सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों के सम्पर्क में रहे और बहाली कार्यों के बारे में जहां उनसे चर्चा करते रहे, वहीं स्थानीय लोगों व पर्यटकों को भी समय-समय पर सूचित करते रहे हैं।
सड़क की मरम्मत और विस्तार के लिए वाहन चालक करें सहयोग
उपायुक्त ने बताया कि रोहतांग मार्ग को बहाल करने के बाद भी अभी सड़क की मरम्मत और विस्तार का कार्य चला हुआ है। सड़क के आस-पास पार्किंग की जगह बनाने के लिए बर्फ हटाने के लिए मशीनरी लगी हुई। इस कार्य को देखते हुए सभी टैक्सी और अन्य वाहन चालक सीमा सड़क संगठन का सहयोग करें और जाम की स्थिति पैदा न करें।
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