वन, परिवहन, युवा सेवाएं व खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि रोहतांग दर्रा कुल्लू तथा लाहौल-स्पिति जिलों का ताज है और इसके वैभव को बनाए रखना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि रोहतांग पर वर्ष में लगभग आठ महीनों तक बर्फ की एक बड़ी परत उपलब्ध रहती है, जो साहसिक गतिविधियों के लिए एक बेहतर माहौल प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष रोहतांग के दीदार को लाखों देशी व विदेशी सैलानी आते हैं जिससे यहां के पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि यद्यपि प्रकृति ने रोहतांग को नैसर्गिक सौंदर्य से नवाजा है, लेकिन राज्य सरकार सैलानियों के लिए अतिरिक्त सुविधाओं के सृजन पर बल दे रही है। उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रे के आस-पास स्कीइंग, पैराग्लाईडिंग, स्नो स्कूटर आदि अनेक साहसिक गतिविधियों की संभावना मौजूद है और इसका समुचित दोहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन को और पंख लगेंगे जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
वन व परिवहन मंत्री ने शुक्रवार को जनजातीय जिला लाहौल-स्पिति के दो दिवसीय प्रवास के उपरांत कुल्लू वापसी के दौरान रोहतांग, मढ़ी, गुलाबा और कोठी का दौरा किया। उन्होंने इन स्थानों पर ढांचागत विकास, पर्यटन और साहसिक खेल गतिविधियों की संभावनाओं का जायजा लिया तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
गोविंद सिंह ने कहा कि रोहतांग और इसके आस-पास के पर्यटक स्थलों के सौंदर्यीकरण तथा एनजीटी के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग के माध्यम से विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। गुलाबा में लगभग 45 लाख की लागत से नेचर पार्क विकसित किया जा रहा है। इसमें विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। यह पार्क कारगिल युद्ध के शहीदों को समर्पित किया जाएगा। नेचर पार्क सैलानियों तथा स्थानीय लोगों को अनेक सुविधाएं प्रदान करेगा। 12 हैक्टेयर में बनने वाले इस पार्क में सैलानियों को वाॅकिंग व साइकलिंग ट्रेल के अलावा जिपलाइन और स्काई साईकलिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों तथा बड़ी पार्किंग की सुविधा भी मिलेगी।
गोविंद सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के माध्यम से युवाओं को साहसिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साहसिक खेलों के संचालन में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। वन मंत्री ने बताया कि पर्वतारोहण संस्थान ने युवाओं के लिए चार प्रशिक्षण कोर्स आरंभ किए हैं। इस तरह के कोर्स उत्तर भारत में अन्य किसी जगह या संस्थान में नहीं हैं, जबकि तीन कोर्स तो भारत में किसी अन्य संस्थान में ही नहीं हैं। इस तरह के कोर्स करके स्थानीय युवा स्वरोजगार को अपना सकते हैं।
वन मंत्री ने कहा कि मढ़ी के आस-पास वन लगाने की संभावना का भी पता लगाया जाएगा। हालांकि इस क्षेत्र में साल में 6 से 7 महीने बर्फ रहती है और तापमान माइनस में रहता है जो पौधरोपण के लिए अनुकूल जलवायु प्रदान नहीं करता।
Govt sees adventure sports possibility at Rohtang pass: Govind Thakur
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