वन, परिवहन, युवा सेवाएं व खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि रोहतांग दर्रा कुल्लू तथा लाहौल-स्पिति जिलों का ताज है और इसके वैभव को बनाए रखना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि रोहतांग पर वर्ष में लगभग आठ महीनों तक बर्फ की एक बड़ी परत उपलब्ध रहती है, जो साहसिक गतिविधियों के लिए

हिमाचल प्रदेश का कुल्लू जिला पर्वतीय क्षेत्र होने के साथ साथ घाटियों का भी जिला है। इन घाटियों में छोटे बड़े कई नदी नाले बहते है। यदि पश्चमी हिमालय में एक ऐसा पहाड़ी क्षेत्र चुना जाए जो प्राकृतिक सौन्दर्य और संसाधनों से भरपूर हो, जिसका अधिकांश क्षेत्र वनों, नदी,नालों, झीलों, झरनों और ढ़लानों से भरा

जनजातीय जिला लाहौल-स्पिति का द्वार 13050 फुट ऊंचा प्रसिद्ध रोहतांग दर्रा आगामी 15 मई से पहले यातायात के लिए बहाल कर लिया जाएगा। यह बात उपायुक्त यूनुस ने आज कुल्लू में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि रोहतांग पर 15 से 20 फुट बर्फ है जिसे काटने का कार्य सीमा सड़क संगठन